Thursday, June, 26,2025

रिश्तों को देंगे रणनीतिक दिशा

निकोसिया: प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने सोमवार को कहा है कि भारत और साइप्रस दोनों देशों के बीच सहयोग को रणनीतिक दिशा प्रदान करने के लिए अगले पांच वर्षों के लिए एक ठोस रोडमैप बनाएंगे। रक्षा और सुरक्षा सहयोग को मजबूती देने के लिए द्विपक्षीय 'डिफेंस को-ऑपरेशन प्रोग्राम' के तहत रक्षा उद्योग पर बल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी यह यात्रा भारत-साइप्रस द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय लिखने का 'स्वर्णिम अवसर' है। पीएम मोदी ने सोमवार को यहां साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ वार्ता के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु न्याय जैसे क्षेत्रों में सहयोग के बारे में बात की।

उन्होंने क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे संबंध न तो परिस्थितियों से बने हैं और न ही सीमित हैं। हम एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हैं। दोनों देशों के साझा मूल्यों और द्विपक्षीय संबंधों की भविष्य की दिशा को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि हम साथ मिलकर भविष्य को आकार देंगे। उन्होंने कहा कि साइप्रस भारतीयों के लिए भी पसंदीदा पर्यटन स्थल है और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान के लिए प्रयास किए जाएंगे।

साइप्रस ने उसकी अखंडता के समर्थन के लिए जताया आभार

संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान साइप्रस के राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री के साथ साइप्रस मुद्दे पर भी चर्चा की। उन्होंने विवादित उत्तरी क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि तुर्किये के 'अवैध कब्जे' को साइप्रस समाप्त करना चाहता है। उन्होंने कहा कि हम भारत और उसके लोगों के साइप्रस की क्षेत्रीय अखंडता और हमारे एकीकरण के लिए समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हैं। ज्ञात रहे कि पिछले दो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस की यह पहली यात्रा है। सोमवार को राष्ट्रपति भवन पहुंचने पर उनका स्वागत किया गया। बाद में, पीएम मोदी और राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिसरी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल वार्ता के दौरान मौजूद थे।

खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारी किराए के टट्टः पुरी

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जी 7 शिखर सम्मेलन से पहले कनाडा में खालिस्तान समर्थक हालिया प्रदर्शनों को खारिज करते हुए प्रदर्शनकारियों को किराए का टट्ट बताया और कहा कि इन्हें गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। पूरी ने यह टिप्पणी भाजपा की दिल्ली इकाई के मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की।

यह भी बोले पीएम मोदी

  • भारत और साइप्रस के बीच 150 मिलियन डॉलर का व्यापार, लेकिन असली क्षमता इससे कहीं ज्यादा। 
  • साइप्रस भारत का भरोसेमंद साझेदार रहा है। यहां से भारत में निवेश हुआ है और कई भारतीय कंपनियों ने साइप्रस में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
  • साइप्रस को यूरोप का गेटवे भी माना जाता है।

भारत तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-साइप्रस सीईओ फोरम को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान भारत की आर्थिक तरक्की, डिजिटल क्रांति और साइप्रस के साथ सहयोग और व्यापार को बढ़ाने की बात की और साथ ही, बताया कि 'भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने डिजिटल क्रांति और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर भी जोर दिया।

भारत की डिजिटल क्रांति का शोर

आज दुनिया में 50 प्रतिशत डिजिटल लेन-देन भारत में यूपीआई के माध्यम से होते हैं। फ्रांस जैसे देशों को हमने जोड़ा है और अब साइप्रस से भी यूपीआई को जोड़ने की हो रही है बात।

भारत का किस क्षेत्र पर है फोकस

  • भारत हर साल 100 अरब डॉलर से अधिक का निवेश इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कर रहा है। इस साल के बजट में नए मैन्युफैक्चरिंग मिशन की शुरुआत की गई है। हम मरीन और पोर्ट विकास, शिपबिल्डिंग और सिविल एविएशन जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। हमारी 1 लाख से ज्यादा स्टार्टअप कंपनियां सिर्फ सपने नहीं, समाधान बेच रही हैं।
  • साइप्रस स्टॉक एक्सचेंज और एनएसई ने गुजरात के जीआईएफटी सिटी में सहयोग के लिए समझौता किया है।
  • भारत और यूरोपीय संघ के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर भी चल रहा है तेजी से काम। इस वर्ष के अंत तक समझौता पूरा करने का लक्ष्य।

पीएम मोदी @ जी 7

  • पीएम मोदी लगातार छठी बार जी-7 देशों की बैठक में शामिल होंगे। हालांकि, भारत जी7 का सदस्य नहीं है, लेकिन दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने के नाते उसे बैठक में आमंत्रित किया जाता है।
  • कनाडा के पीएम कार्म कार्नी के साथ पहली द्विपक्षीय मुलाकात संभव।
  • रिश्तों में फिर गर्माहट लाने का होगा प्रयास जी7 में भारत ऊर्जा, सुरक्षा, नवाचार, नई तकनीकों, जैसे कि एआई, क्वांटम आदि के बारे में बात करेगा।

क्यों अहम है जी 7

  • जी 7 दुनिया की 7 अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है। ये सात देश हैं-अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और जापान। यूरोपीय संघ भी इससे जुड़ा है। अन्य आमंत्रित देशों में भारत, यूक्रेन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, मैक्सिको और यूएई हैं।
  • सम्मेलन के दौरान टैरिफ सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बना रहेगा। इसके अलावा यूक्रेन व रूस युद्ध और खाड़ी में अशांति शामिल है।
  • जी 7 देशों में दुनिया की 10 प्रतिशत आबादी रहती है, लेकिन वैश्विक जीडीपी में इन देशों का योगदान 45 प्रतिशत है।

 

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