Tuesday, August, 12,2025

हुर्रियत से नहीं... घाटी के युवाओं से बात करेंगे: शाह

नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर पर मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में विशेष चर्चा हुई। इस दौरान पक्ष-विपक्ष ने एक दूसरे को जमकर घेरा और निशाने साधे। लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को आतंकवादी संगठनों का मुखौटा करार दिया और कहा कि मोदी सरकार उसके साथ कभी बातचीत नहीं करेगी। शाह ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि एक समय था जब हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं के साथ 'वीआईपी' जैसा व्यवहार होता था और उनके लिए रेड कार्पेट बिछाया जाता था। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार के प्रतिनिधि उनके साथ बातचीत करते थे। हमने हुर्रियत के सभी घटकों पर प्रतिबंध लगा दिया और सब सलाखों के पीछे हैं। हम हुरियत के साथ बात नहीं करना चाहते। शाह ने कहा, मैं नरेन्द्र मोदी सरकार को नीति दोहराना है। चाहता हुर्रियत आतंकवादी संगठनों का एक मुखौटा है। हम उनसे बातचीत नहीं करेंगे। हम घाटी के युवाओं से बातचीत करेंगे। साल 1993 में गठित हुर्रियत, जम्मू कश्मीर स्थित कई अलगाववादी संगठनों का एक समूह है। इसे अपने विचारों, गतिविधियों और राजनीतिक बयानों के कारण पाकिस्तान समर्थक समूह माना जाता रहा है।

शाह को पहलगाम में 'सुरक्षा चूक' की जिम्मेदारी लेनी चाहिए: खरगे

राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चर्चा कहा कि गृह मंत्री अमित शाह की पहलगाम आतंकी हमले की वजह बनी 'सुरक्षा चूक' की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने माग की कि पहलगाम हमले के लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए और जो जिम्मेदार है, उन्हें पद छोड़ देना चाहिए। खरगे राज्यसभा में विशेष चर्चा में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के उस बयान का हवाला देते हुए सरकार पर हमला बोला जिसमें उन्होंने आतंकी हमले की वजह बनी सुरक्षा चूक को स्वीकार किया था। उन्होंने पूछा कि क्या जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल का सुरक्षा चूक पर बयान गृह मंत्री को 'बचाने' के लिए था। खरगे ने कहा कि पाकिस्तान के साथ संघर्षविराम की घोषणा भारत ने नहीं बल्कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की।

प्रधानमंत्री में हिम्मत हो तो ट्रंप को झूठा कहें: राहुल गांधी

* लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यदि प्रधानमंत्री में इंदिरा गांधी का आथा भी साहस है, तो वह संसद में खड़े होकर कहें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने झूठ बोला है। गांधी ने दावा किया कि ट्रंप ने 29 बार यह कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम में उनकी भूमिका रही है। उन्होंने कहा, अगर यह असत्य है तो प्रधानमंत्री मोदी सदन में स्पष्ट करें कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के चलते भारत को रणनीतिक हानि उठानी पड़ी। ऑपरेशन सिंदूर के समय विपक्ष ने पूरी एकजुटता दिखाई और भारतीय सेना और सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़े रहे। कांग्रेस नेता ने वायुसेना को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पायलटी से कहा गया कि पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली पर हमला न करें। इससे पायलटों के हाथ बंधे रहे। उन्होंने जोर देकर कहा कि गलती वायुसेना की नहीं, बल्कि राजनीतिक नेतृत्व की थी। गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भाषण का हवाला देते हुए कहा कि 1971 में जैसी राजनीतिक इच्छाशक्ति इंदिरा गांधी ने दिखाई थी, वैसी आज नहीं है।

राज्यसभाः नड्डा ने अपने शब्द वापस लिए, कांग्रेस ने जताई थी आपत्ति

चचर्चा के दौरान राज्यसभा में उस समय कांग्रेस सदस्यों ने भारी हंगामा किया जब सदन के नेता जेपी नड्डा ने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बारे में एक टिप्पणी की। हालांकि नड्डा ने बाद में अपने शब्द वापस ले लिए और खरगे से माफी मांगी। चर्चा के दौरान खरगे का भाषण समाप्त होने के बाद नड्डा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में कुछ ऐसी बातें की हैं, जो उनके जैसे कद के नेता (खरगे) के अनुकूल नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी दुनिया में सबसे लोकप्रिय नेता है और न केवल भाजपा बल्कि पूरे देश को इस पर गर्व है। नड्डा ने आसन से मांग की कि प्रधानमंत्री के बारे में खरगे के आपत्तिजनक शब्दों को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया जाना चाहिए। इसी दौरान उन्होंने एक ऐसा आपत्तिजनक शब्द कहा जिस पर काग्रेस के सदस्य नाराज हो गए। इस मुद्दे को लेकर सदन में कुछ देर हंगामा हुआ। खरगे ने मांग की कि नहा को माफी मांगनी चाहिए। नड्डा ने कहा कि वह अपने शब्द वापस लेते हैं और अगर उनके किसी शब्द से खरगे आहत हुए है तो वह खेद जताते हैं।

संघर्ष विराम पर सहमति क्यों जताईः चिदंबरम

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने राज्सभा में सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि ऑपरेशन सिंदूर सफल रहने के बाद संघर्षविराम पर सहमति क्यों दी गई? उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा, किंतु समय ही बताएगा कि यह निर्णायक था या नहीं। उन्होंने कहा, ऑपरेशन सिंदूर के परिणाम, यदि आप मुझसे पूछेंगे कि क्या ऑपरेशन सिंदूर मजबूत था, मैं कहूंगा कि हो। क्या ऑपरेशन सिंदूर सफल था, मैं कहूंगा कि हां। यदि आप मुझसे पूछेंगे कि क्या यह निर्णायक था तो मैं यहीं कह सकता हूं कि समय बताएगा।

चीन 'राक्षस' है, उससे भी खतराः अखिलेश

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा के चीन को 'राक्षस' करार देते हुए कहा कि भारत को इस पड़ोसी देश से उतना ही खतरा है जितना कि आतंकवाद से है और वह हमारी जमीन एवं बाजार, दोनों छीन लेगा। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि अब भविष्य में कोई आतंकी घटना नहीं होगी। लोग सरकार की ओर से दिए गए आश्वासन पर वहां (पहलगाम) गए थे। लेकिन सूरक्षा में हुई चूक की जिम्मेदारी कौन लेगा? इसके लिए जिम्मेदार कौन है? यह सबसे बड़ा सवाल है।

ऑपरेशन सिंदूर क्यों रुकाः प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाडा ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने इतिहास का पाठ पढ़ाया तथा उनकी मां के आंसुओं तक की बात की, लेकिन यह नहीं बताया कि जब पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए थे तो ऑपरेशन सिंदूर को अचानक क्यों रोक दिया गया। प्रियंका ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि उनकी मां सोनिया गांधी के आंसू तब गिरे थे, जब उनके पति (राजीव गांधी) को आतंकवादियों ने शहीद किया था। प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि लोग सरकार के भरोसे कश्मीर गए और इस सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया।

भारत की बात सुनाता हूं... मनीष तिवारी

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान उन्हें अपनी पार्टी द्वारा बोलने का अवसर नहीं दिए जाने के संबंध में मीडिया में आई एक खबर को 'एक्स' पर मंगलवार को साझा करते हुए फिल्म 'पूरब और पश्चिम' के लोकप्रिय गीत 'भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं' का जिक्र किया। मनीष तिवारी ने 'एक्स' पर मीडिया की एक खबर का 'स्क्रीनशॉट' साझा किया, जिसका शीर्षक था-'सरकार के पक्ष में बोले': 'ऑपरेशन सिदूर' पर चर्चा के दौरान कांग्रेस ने शशि थरूर और मनीष तिवारी को बोलने से क्यों रोका?'

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