Friday, June, 27,2025

अमेरिकी हमले ने तोड़ा ईरान का परमाणु बम बनाने का सपना !

अमेरिका ने जिन तीन परमाणु केंद्रों नतांज, फोर्डो और इस्फहान पर हमले किए हैं, वे तीनों ईरान के परमाणु कार्यक्रम की रीढ़ माने जाते हैं। इजराइल अकेले इन तीनों को खत्म नहीं कर सकता था, इसीलिए अमेरिका ने इन परमाणु संस्थानों पर बमबारी की। एक्सपर्ट्स का कहना है तीनों न्यूक्लियर सेंटर के खत्म होने के बाद कम से कम 25 से 30 सालों के लिए ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर विराम लग जाएगा। वस्तुतः ईरान का परमाणु बम बनाने का सपना फिलहाल टूट गया है।

क्या किया अमेरिका ने

अमेरिका ने ईरानी परमाणु सुविधाओं पर अपने हमलों में बंकर बस्टर बम जीयूबी-57ए। बी मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (एमओपी) बम का इस्तेमाल किया।

30 टॉम हॉक क्रूज मिसाइल से भी बनाया निशाना

अमेरिका ने 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों से भी ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। जमीन में अंदर तक हमला करने वाली लंबी दूरी की मिसाइल को अमेरिकी जहाजों और पनडुब्बियों से लॉन्च किया जा सकता है। यह मिसाइल सैटेलाइट कम्युनिकेशन के जरिए उड़ान के दौरान लक्ष्य बदल भी सकती है।

अमेरिकी हमले के शिकार परमाणु केंद्रों का यह था महत्व

नतांज परमाणु स्थल ईरान का सबसे बड़ा यूरेनियम संवर्धन परिसर है। यह तेहरान से करीब 250 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है और 2003 से एक्टिव है। इसमें बड़े पैमाने पर सेंट्रीफ्यूज यूनिट्स को ऑपरेट किया जाता है। सेंट्रीफ्यूज का इस्तेमाल यूरेनियम को उच्च स्तर तक संवर्धित करने के लिए किया जाता है। इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) के मुताबिक नतांज में ईरान ने यूरेनियम को 60 प्रतिशत तक संवर्धित किया है, जबकि परमाणु बम बनाने के लिए 90 प्रतिशत तक शुद्ध यूरेनियम होना चाहिए।

कैसा है नतांज परमाणु स्थल

नतांज परमाणु स्थल में जमीन के ऊपर 6 भवन है, जबकि तीन अंडरग्राउंड भवन थे, जिनमें से दो में 50,000 तक सेंट्रीफ्यूज समा सकते हैं।

क्यों किया गया इस पर हमला ?

अमेरिकी हमले का फोकस स्पष्ट रूप से इसके भूमिगत स्तर पर बिजली सप्लाई को नष्ट करना था, जिससे संवर्धन प्रक्रिया खत्म हो जाए।

फोर्डो परमाणु स्थल.. सबसे मजबूत परमाणु किला

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक फोर्डो परमाणु स्थल 80 से 90 मीटर (लगभग 262 से 295 फीट) की गहराई पर एक पहाड़ी के अंदर स्थित है। इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी के मुताबिक फोडों, इतनी तेजी से यूरेनियम संवर्धन कर सकता है कि वहां उपलब्ध 60 प्रतिशत संवर्धित यूरेनियम को सिर्फ तीन हफ्तों में 233 किलोग्राम हथियार-योग्य यूरेनियम में बदला जा सकता है, जिससे ईरान कम से कम 9 परमाणु बम बना सकता था। फोडों में ईरान के करीब 2700 सेंट्रीफ्यूज एक्टिल थे। यह केंद्र, ईरान के परमाणु आत्मनिर्भरता का एक अहम स्तंभ बन चुका था।

इस्फहान परमाणु स्थल... आधुनिक परमाणु विज्ञान का अनुसंधान केन्द्र

इस्फहान ईरान का सबसे बड़ा न्यूक्लियर रिसर्च कॉम्प्लेक्स था। इसे चीन की मदद से ईरान ने 1984 में बनाया था। एनटीआई (न्यूक्लियर थ्रीट इनिसिटिव) के मुताबिक इस्फहान न्यूक्लियर सेंटर में ईरान के करीब 3000 न्यूक्लियर वैज्ञानिक काम करते हैं और इसे ईरान के परमाणु कार्यक्रम का केन्द्र माना जाता है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक यहां तीन छोटे रिसर्च रिएक्टर, यूरेनियम कन्वर्जन फैसिलिटी, फ्यूल प्रोडक्शन प्लांट, जिरकोनियम क्लैडिंग प्लांट समेत कई प्रयोगशालाएं और अन्य तकनीकी संस्थान स्थित है। यह संयंत्र यूरेनियम को गैस रूपांतरण, ईंधन छड़ों और परमाणु रिएक्टर के उपयोग के लिए तैयार करने में सक्षम है।

इसलिए बनाया अमेरिका ने इसे निशाना

यह केंद्र मुख्यतः वैज्ञानिक रिसर्च के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां का बुनियादी ढांचा इसे किसी भी वक्त सैन्य उपयोग के लिए उपयुक्त बना सकता था और यही वजह है कि अमेरिका ने इसे भी अपने हमले का निशाना बनाया।

अब ईरान ये उठा सकता है कदम

  • अमेरिकी नौसेना के जहाजों पर मिसाइल हमले।
  • हॉर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का फैसला। इससे खाड़ी से तेल का परिवहन हो जाएगा ठप ।
  • यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोही लाल सागर में अमेरिकी नौसेना के युद्धपोतों को निशाना बनाना सकते हैं।

क्या है खैबर मिसाइल ?

  • खैबर मिसाइल है ईरान की सबसे एडवांस मिसाइल बैलिस्टिक
  • 2000 किलोमीटर है खैबर की रेंज
  • 1500 किलोग्राम से ज्यादा वजनी वारहेड ले जा सकती है खैबर

इजराइल के लिए क्यों है चिंता की बात

ईरान इस मिसाइल को इजराइल के डिमोना न्यूक्लियर फैसिलिटी पर इस्तेमाल कर सकता है।

  • खैबर मिसाइल में एमआरवी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, यानी एक मिसाइल कई अलग अलग दिशाओं में वारहेड गिरा सकती हैं।
  • खैबर एक हाइपरसोनिक मिसाइल है और ये फायर होने के बाद भी अपनी दिशा में बदल सकती है।
  • खैबर की दिशा बदलने की क्षमता की वजह से एयर डिफेंस सिस्टम के लिए इसे इंटरसेप्ट करना होता है काफी मुश्किल।

कितनी बैलिस्टिक मिसाइल हैं ईरान के पास ?

  • फिलहाल इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं है कि ईरान के पास कितनी बैलिस्टिक मिसाइलें हैं और उनमें कितनी संख्या में खैबर मिसाइलें हैं।

अमेरिकी ठिकानों पर हमले तो जवाबी कार्रवाई संभव

अमेरिकी परिसंपत्तियों पर ईरानी हमले के जवाब में अमेरिका ईरान पर और बड़ा हमला कर सकता है। ईरान ने अमेरिकी हमले के बाद इजराइल के खिलाफ मिसाइल हमले किए हैं। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरायची ने कहा है कि ईरान को आत्मरक्षा में कार्रवाई करने का वैध अधिकार दिया है, जिसमें आक्रामक गठबंधन के आकलन से भी परे जाने का विकल्प भी शामिल है।

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