Wednesday, November, 26,2025

विदेशी नागरिकों को भी व्यक्तिगत स्वंतत्रता का अधिकार

जयपुर: राजस्थान हाई कोर्ट ने बहुचर्चित अवैध किडनी प्रत्यारोपण और मानव अंग तस्करी मामले में दो बांग्लादेशी नागरिकों की आपराधिक विविध याचिका निस्तारित करते हुए संविधान के अनुच्छेद 21 की व्याख्या को व्यापक बनाया। जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने स्पष्ट किया कि जीवन, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और शीघ्र सुनवाई का मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों तक सीमित नहीं, बल्कि भारत में मौजूद सभी व्यक्तियों- चाहे वे विदेशी हों को प्राप्त है। हाई कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 21 में प्रदत्त जीवन और गरिमा का अधिकार मानवाधिकार है, जो सभी मनुष्यों को उपलब्ध है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के सुनील बत्रा बनाम दिल्ली प्रशासन (1980) और के. एस. पुट्टस्वामी बनाम भारत संघ (2017) के ऐतिहासिक फैसलों का हवाला देते हुए दोहराया कि बिना ट्रायल के लंबी हिरासत अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। निष्पक्ष और शीघ्र सुनवाई इस अनुच्छेद का अभिन्न अंग है, जिसमें भारतीय और विदेशी नागरिकों में कोई भेद नहीं है।

ट्रायल में अत्यधिक देरी पर जताई नाराजगी

जयपुर की जवाहर सर्किल थाना पुलिस की ओर से मामला मार्च-अप्रैल 2024 में दर्ज किया गया। हरियाणा से गिरफ्तार याचिकाकर्ता नुरूल इस्लाम और अहसानुल कबीर सहित कई आरोपी हिरासत में हैं। सुनवाई के दौरान खुलासा हुआ कि ट्रायल कोर्ट ने अभी तक किसी आरोपी पर आरोप तय नहीं किए। इस देरी पर कोर्ट ने गंभीर नाराजगी जताई और कहा कि न्याय में देरी पीड़ित, अभियोजन और आरोपी सभी के हितों के विरुद्ध है। ऐसे संवेदनशील मामलों में सुनवाई तेज गति से होनी चाहिए।

अप्रूवर की स्थिति और जमानत की मांग

याचिकाकर्ताओं ने जांच में सहयोग करते हुए सीआरपीसी धारा 306 के तहत 'अप्रूवर' बनने की अनुमति ली और अन्य आरोपियों के खिलाफ गवाही देने की सहमति दी। उन्होंने दलील दी कि वे अभियोजन की सहायता कर रहे हैं, इसलिए हिरासत अनावश्यक है। राज्य सरकार ने कड़ा विरोध किया। अभियोजन ने तर्क दिया कि धारा 306 (4) स्पष्ट रूप से अप्रूवर को बयान रिकॉर्ड होने तक न्यायिक हिरासत में रखने का प्रावधान करती है। यदि इस चरण पर जमानत दी गई और गवाह शत्रुतापूर्ण हो गया तो दोबारा गिरफ्तारी कठिन होगी। हाई कोर्ट की बड़ी पीठ के 'नूर टकी उर्फ मम्मू बनाम राज्य' फैसले का भी हवाला दिया गया। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अप्रूवर बनना स्वतः जमानत का अधिकार नहीं देता। धारा 306 (4) का उद्देश्य गवाह को बाहरी दबाव, धमकी, लालच या भय से मुक्त रखना है, ताकि उसका बयान स्वतंत्र और निष्पक्ष रहे। कोर्ट ने कहा कि यह प्रावधान साक्ष्यों की पवित्रता और न्यायिक प्रक्रिया की गरिमा की रक्षा करता है।

  Share on

Related News

Connect With Us

visit e-papers
Epaper

आज का राशिफल

image

मेष

रुके काम बनेंगे, नौकरीपेशा और व्यापारियों के लिए शुभ।

image

वृष

आर्थिक स्थितियां बेहतर होने के साथ धनलाभ होगा।

image

मिथुन

गुरु शुभ फल देंगे, शत्रु पराजित होंगे

image

कर्क

मिलाजुला असर रहेगा, अतिरिक्त परिश्रम के साथ नौकरी पेशा को दिक्कतें आ सकती है।

image

सिंह

कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान के साथ मकान,वाहन सुख मिलेगा।

image

कन्या

कामकाज के अवसरों में वृद्धि, भाग्य का साथ मिलेगा।

image

तुला

धन की रुकावटें दूर होंगी, लाभ के अवसर बढ़ेंगे, धर्म में रुचि बढ़ेगी।

image

वृश्चिक

आर्थिक स्थिति सुधरेगी, व्यापार में निवेश संबंधी फैसले की आजादी मिलेगी।

image

धनु

लाभ में वृद्धि होगी, कोई बड़ी डील हाथ लग सकती है।

image

मकर

सुखद पलों की प्राप्ति होगी। फिजूल के खर्चे बढ़ेंगे, सुख सुविधाओं में इजाफा होगा।

image

कुंभ

धनलाभ के अवसरों में वृद्धि के साथ अपनी योजनाओं पर काम करते रहे।

image

मीन

संभलकर रहे, जल्दबाजी नहीं दिखाए। कानूनी वाद-विवादों से बचे।

Gallery