Friday, September, 26,2025

भारत-रूस संबंध वैश्विक स्थिरता के स्तंभः मोदी

तियानजिन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात में कहा कि भारत और रूस हमेशा कठिन परिस्थितियों में भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं। उन्होंने दोनों देशों की साझेदारी को 'क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता का स्तंभ' बताया। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन से इतर यह मुलाकात ऐसे समय हुई, जब भारत-अमेरिका संबंध पिछले दो दशकों के सबसे खराच दौर से गुजर रहे हैं।

यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत यूक्रेन में शांति स्थापित करने के सभी हालिया प्रयासों का स्वागत करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संघर्ष को शीघ्र समाप्त करना और स्थायी शांति स्थापित करना संपूर्ण मानवता की आकांक्षा है। भारतीय पक्ष ने पुतिन को मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच हाल ही में हुई बातचीत की जानकारी भी दी। जेलेस्की ने भी भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा था कि भारत रूस को 'उपयुक्त संकेत' देने में सक्षम है।

आर्थिक और ऊर्जा सहयोग पर सहमति

बैठक में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा करते हुए दोनों नेताओं ने व्यापार, ऊर्जा, उर्वरक, अंतरिक्ष और सुरक्षा क्षेत्रों को प्राथमिकता दी। भारत के आधिकारिक बयान के अनुसार, मोदी और पुतिन ने आर्थिक, वित्तीय और ऊर्जा क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत करने की सहमति जताई। उन्होंने इन क्षेत्रों में हुई प्रगति पर संतोष भी व्यक्त किया।

पुतिन का जवाबः भरोसेमंद साझेदारी

पुतिन ने बैठक में कहा कि भारत और रूस ने दशकों से विशेष मैत्रीपूर्ण और विश्वास-आधारित संबंध बनाए हैं। उन्होंने इन संबंधों को 'दलगत राजनीति से ऊपर' बताते हुए कहा कि दोनों देशों की जनता का व्यापक समर्थन इन्हें मजबूती देता है। पुतिन ने यह भी उल्लेख किया कि बीते 15 वर्षों में भारत-रूस संबंध विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक पहुंचे हैं।

वैश्विक मंचों पर सहयोग

पुतिन ने कहा कि रूस और भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घनिष्ठ समन्वय स्थापित किया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स, जी-20 और शंघाई सहयोग संगठन में सहयोग को 'बहु-स्तरीय और सकारात्मक' बताया। मोदी ने भी अपने संबोधन में कहा कि भारत और रूस का धनिष्ठ सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है।

अमेरिका-भारत तनाव की पृष्ठभूमि

दोनों नेताओं की यह मुलाकात उस समय हुई, जब अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिया है। इसमें रूस से कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है। जानकारों का कहना है कि मोदी और पुतिन ने कार में हुई अनौपचारिक बातचीत के दौरान इस मुद्दे पर भी चर्चा की। विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाला ट्रंप के रुख ने भारत-अमेरिका संबंधों में गहरा तनाव पैदा कर दिया है और ऐसे में भारत-रूस संबंध और भी अधिक अहम हो जाते हैं।

पुतिन ने की भारत-चीन की सराहना

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि वह यूक्रेन संकट के समाधान के लिए भारत और चीन के प्रयासों की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा कि रूस संवाद और कूटनीतिक रास्तों के लिए तैयार है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने SCO सदस्य देशों के लिए 281 मिलियन डॉलर (करीब 2 अरब युआन) की ग्रांट देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि संगठन आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहेगा।

'कनेक्टिविटी' पर भारत का रुख

पीएम मोदी ने SCO शिखर सम्मेलन में कहा कि संपर्क परियोजनाओं में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए। इसे चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी माना गया, जिसे भारत इसलिए खारिज करता है, क्योंकि इसका एक हिस्सा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से गुजरता है। मोदी ने SCO देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए सभ्यता संवाद मंच बनाने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि यह पहल प्राचीन सभ्यताओं, कला और परंपराओं की समृद्धि को साझा करने का अवसर देगी।

पाकिस्तान हाशिये पर

सम्मेलन का एक दिलचस्प पल तब सामने आया, जब मोदी और पुतिन साथ-साथ चलते दिखे और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ किनारे खड़े रह गए। यह दृश्य SCO में पाकिस्तान की कमजोर होती स्थिति का संकेत माना जा रहा है। इस शिखर सम्मेलन ने साफ कर दिया कि भारत, चीन और रूस वैश्चिक संतुलन साधने के लिए एक नए समीकरण की ओर बढ़ रहे हैं और अमेरिका की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति को सीधी चुनौती दे रहे हैं।

'ग्लोबल साउथ' को दिया महत्वः प्रधानमंत्री ने कहा कि विकासशील और उभरते देशों की आकांक्षाओं को पुराने द्वांचों में सीमित करना भविष्य के साथ अन्याय होगा। उन्होंने जोर दिया कि "ग्लोबल साउथ की आवाज की वैश्विक निर्णयों में अहम स्थान मिलना चाहिए।"

SCO की वैश्विक अहमियतः 2001 में स्थापित यह संगठन अब 26 देशों तक फैल चुका है, जिसमें 10 सदस्य, 2 पर्यवेक्षक और 14 वार्ता साझेदार शामिल हैं। SCO दुनिया की आधी आबादी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक-चौथाई का प्रतिनिधित्व करता है। इस बार चीन की मेजबानी में आयोजित सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस समेत 20 विदेशी नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल हुए।

मोदी का जोरः प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 'रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कोविड-19 और वैश्विक अस्थिरता का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने हर चुनौती को अवसर में बदलने की कोशिश की है।

पुतिन की भारत यात्रा की तैयारी: मोदी ने कहा कि भारत के 140 करोड़ लोग दिसंबर में पुतिन की भारत यात्रा के लिए उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने इसे 'विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की गहराई और दायरे का प्रतीक' बताया।

पुतिन ने मोदी को अपनी लिमोजिन में दी लिफ्ट

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी लग्जरी कार 'ऑरस लिमोजिन' में लिपट दी और दोनों नेता शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय वार्ता स्थल तक साथ पहुंचे। रूस के राष्ट्रीय रेडियो स्टेशन 'वेस्ती एफएम' के अनुसार, होटल जाते समय दोनों नेताओं के बीच लगातार बातचीत होती रही। होटल पहुंचने के बाद भी वे कार से नहीं उतरे और लगभग 50 मिनट तक आमने-सामने की चर्चा करते रहे। बाद में क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने पुष्टि की कि दोनों नेताओं ने करीब एक घंटे तक कार के भीतर ही वार्ता की। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर कार के अंदर पुतिन के साथ साझा की गई एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, 'राष्ट्रपति पुतिन के साथ बातचीत हमेशा सार्थक होती है।'

यूक्रेन युद्ध समाप्ति के लिए मोदी ने उठाई मानवता की आवाज

मॉस्को के विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुलाकात दोनों नेताओं के बीच हाल की सबसे महत्वपूर्ण चर्चाओं में से एक रही, जिसमें ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर बातचीत संभव है, जिनकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई। द्विपक्षीय वार्ता में मोदी ने स्पष्ट किया कि यूक्रेन संघर्ष को शीघ्र समाप्त करना मानवता का आह्वान है और क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने के उपाय खोजे जाने चाहिए। उन्होंने पुतिन को भारत यात्रा के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि दिसंबर में होने वाली शिखर वार्ता का भारत इंतजार कर रहा है। यह मुलाकात न केवल दोनों देशों के संबंधों को मजबूती देती है, बल्कि वैश्विक राजनीतिक समीकरणों पर भी गहरा असर डालने वाली मानी जा रही है।

मुख्य फोकस

यूक्रेन संघर्ष पर पीएम मोदी की अपील जल्द शांति मानवता का आह्वान...
आर्थिक सहयोग पर फोकस ऊर्जा, व्यापार और उर्वरक क्षेत्रों में साझेदारी
अमेरिका-भारत तनाव ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीति से संबंध बिगड़े
आगामी भारत यात्रा दिसंबर में पुतिन भारत में शिखर वार्ता करेंगे

  Share on

Related News

Connect With Us

visit e-papers
Epaper

आज का राशिफल

image

मेष

रुके काम बनेंगे, नौकरीपेशा और व्यापारियों के लिए शुभ।

image

वृष

आर्थिक स्थितियां बेहतर होने के साथ धनलाभ होगा।

image

मिथुन

गुरु शुभ फल देंगे, शत्रु पराजित होंगे

image

कर्क

मिलाजुला असर रहेगा, अतिरिक्त परिश्रम के साथ नौकरी पेशा को दिक्कतें आ सकती है।

image

सिंह

कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान के साथ मकान,वाहन सुख मिलेगा।

image

कन्या

कामकाज के अवसरों में वृद्धि, भाग्य का साथ मिलेगा।

image

तुला

धन की रुकावटें दूर होंगी, लाभ के अवसर बढ़ेंगे, धर्म में रुचि बढ़ेगी।

image

वृश्चिक

आर्थिक स्थिति सुधरेगी, व्यापार में निवेश संबंधी फैसले की आजादी मिलेगी।

image

धनु

लाभ में वृद्धि होगी, कोई बड़ी डील हाथ लग सकती है।

image

मकर

सुखद पलों की प्राप्ति होगी। फिजूल के खर्चे बढ़ेंगे, सुख सुविधाओं में इजाफा होगा।

image

कुंभ

धनलाभ के अवसरों में वृद्धि के साथ अपनी योजनाओं पर काम करते रहे।

image

मीन

संभलकर रहे, जल्दबाजी नहीं दिखाए। कानूनी वाद-विवादों से बचे।

Gallery