Friday, September, 26,2025

राज्य और केंद्र की लापरवाही से न्यायिक कामकाज प्रभावित

जोधपुर: प्रदेश की अदालतों में मूलभूत सुविधाओं की कमी पर हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। साढ़े चार साल में 13 बार निर्देश देने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं होने पर जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्रसिंह भाटी और जस्टिस दिनेश मेहता की बेंच ने नाराजगी जताई।

कोर्ट ने कहा कि राज्य के महाधिवक्ता और एएसजी अब तक किए गए कार्यों की जानकारी दें और अगली सुनवाई से पहले अधिकारियों की सूची पेश करें। साथ ही यह भी बताएं कि जिन्होंने काम नहीं किया, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई। सुनवाई के दौरान सामने आया कि कई नए जिलों में न्यायालय भवन ही नहीं बने हैं। जैसलमेर, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, जोधपुर जिला कोर्ट, आबू रोड, राजगढ़ और अजमेर में स्थिति गंभीर है।

हाई कोर्ट ने साफ किया कि राज्य और केंद्र सरकार की लगातार लापरवाही से न्यायिक कामकाज प्रभावित हो रहा है। सरकार के बड़े अधिकारी महाधिवक्ता और सॉलिसिटर जनरल के जरिए अब तक हुई कार्रवाई और आगे की योजना बताएं। कोर्ट के आदेशों का पालन न करने वाले अधिकारियों की सूची और उनके खिलाफ प्रस्तावित कार्रवाई भी पेश करनी होगी।

26 अगस्त को होगी अगली सुनवाई

मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को तय की गई है। कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि उचित जवाब नहीं मिला तो गैर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। यह सुनवाई 18 अगस्त को बांसवाड़ा बार एसोसिएशन की याचिका पर हुई, जिसमें छह और याचिकाएं जुड़ी हैं। अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देशों के बावजूद अदालतों के भवन, अधिवक्ताओं, जजों और परिवादियों के लिए मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं और सरकारें सिर्फ आश्वासन दे रही हैं।

आवासों के निर्माण के लिए 324.29 करोड़ की जरूरत

न्यायालय और जजों के आवास निर्माण के लिए 324.29 करोड़ रुपए की जरूरत है, लेकिन राज्य सरकार ने स्वीकृति नहीं दी। मई 2024 में 40 करोड़ रुपए देने का आश्वासन था, जिसमें से केवल 10 करोड़ की मंजूरी दी गई। बाकी 30 करोड़ अब तक लंबित हैं। वहीं, निर्माणाधीन इमारतों के लिए 59.28 करोड़ रुपए की पुनः मंजूरी आवश्यक है, क्योंकि मंजूरी में देर से सामग्री महंगी हो जाती है। वकीलों के हॉल और चैंबर बनाने के लिए 85.04 करोड़ रुपए की जरूरत है, लेकिन स्वीकृति नहीं मिली। तिजारा, रायसिंहनगर, सांगोद में कोर्ट भवन तो बने, पर वकीलों के हॉल के लिए 39.37 करोड़ रुपए लंबित हैं।

वर्ष 2020 से लंबित है मामला

यह प्रकरण 15 दिसंबर, 2020 से चल रहा है। कई बार निर्देश देने के बावजूद सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई। मार्च 2025 में कोर्ट ने तीन माह में काम पूरा करने को कहा था, जबकि मई 2025 में महिलाओं के लिए टॉयलेट और बच्चों की देखभाल की जगह जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश दिया था।

  Share on

Related News

Connect With Us

visit e-papers
Epaper

आज का राशिफल

image

मेष

रुके काम बनेंगे, नौकरीपेशा और व्यापारियों के लिए शुभ।

image

वृष

आर्थिक स्थितियां बेहतर होने के साथ धनलाभ होगा।

image

मिथुन

गुरु शुभ फल देंगे, शत्रु पराजित होंगे

image

कर्क

मिलाजुला असर रहेगा, अतिरिक्त परिश्रम के साथ नौकरी पेशा को दिक्कतें आ सकती है।

image

सिंह

कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान के साथ मकान,वाहन सुख मिलेगा।

image

कन्या

कामकाज के अवसरों में वृद्धि, भाग्य का साथ मिलेगा।

image

तुला

धन की रुकावटें दूर होंगी, लाभ के अवसर बढ़ेंगे, धर्म में रुचि बढ़ेगी।

image

वृश्चिक

आर्थिक स्थिति सुधरेगी, व्यापार में निवेश संबंधी फैसले की आजादी मिलेगी।

image

धनु

लाभ में वृद्धि होगी, कोई बड़ी डील हाथ लग सकती है।

image

मकर

सुखद पलों की प्राप्ति होगी। फिजूल के खर्चे बढ़ेंगे, सुख सुविधाओं में इजाफा होगा।

image

कुंभ

धनलाभ के अवसरों में वृद्धि के साथ अपनी योजनाओं पर काम करते रहे।

image

मीन

संभलकर रहे, जल्दबाजी नहीं दिखाए। कानूनी वाद-विवादों से बचे।

Gallery