Monday, April, 07,2025

'रामजल सेतु कलश' में समाया समझौता

जयपुर:  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को बहुप्रतिक्षित, राजस्थान की तकदीर बदलने वाली महत्वकांक्षी पार्वती कालसिंध चंबल-ईआरसीपी परियोजना की आधारशिला रखी। पीएम मोदी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की मौजूदगी में मुख्यमंत्री भजनलाल शमां और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहनलाल यादव ने इस परियोजना को लेकर मेमोरेण्डम ऑफ एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना में शामिल तीनों नदियों के जल को प्रतीकात्मक रामजल सेतु कलश में मिलाया। 

केंद्रीय मंत्री पाटिल ने कालीसिंध, सीएम यादव ने चंबल और सीएम शमां ने पार्वती नदी के जल के कलश को एक-एक कर पीएम मोदी को सौंपा। कई दशकों के बाद यह पहला अवसर है कि जब देश में दो राज्यों के बीच नदी जल बंटवारे को लेकर समझौता परवान चढ़ा हो। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने चिरपरिचत अंदाज में कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि अब से पहले के जल समझौतों पर कांग्रेस ने रोडे अटकाएं।

किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले न तो खुद किसानों के लिए कुछ करते हैं न ही दूसरों को कुछ करने देते हैं। मोदी ने कहा कि भाजपा की नीति विवाद की नहीं, संवाद की है और वह व्यवधान में नहीं समाधान में विश्वास रखती है।

 

ईआरसीपी को कांग्रेस ने लटकायाः पीएम मोदी
राजस्थान के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के कार्यान्वयन में गत कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में विलंब की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा, ईआरसीपी को कांग्रेस ने कितना लटकाया, ये भी कांग्रेस की नीयत का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

पीएम ने कहा कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने राज्य के अलग-अलग हिस्सों में नर्मदा नदी का पानी पहुंचाने के लिए बड़ा अभियान चलाया। मोदी ने आरोप लगाया कि तब उसे रोकने के लिए भी कांग्रेस और कुछ एनजीओ (गैर सरकारी संगठनों) द्वारा तरह- तरह के हथकडे अपनाए गए।

मोदी ने कहा कि हमारी नदियों का पानी बहकर सीमा पार चला जाता था, लेकिन हमारे किसानों को इसका लाभ नहीं मिलता था। कांग्रेस, समाधान के बजाय, राज्यों के बीच जल- विवाद को ही बढ़ावा देती रही। राजस्थान ने तो इस कुनीति के कारण बहुत कुछ भुगता है। उन्होंने कहा कि जैसे ही मध्य प्रदेश व राजस्थान में भाजपा की सरकार बनी तो पार्वती कालीसिंध चम्बल परियोजना एमपीकेसी लिंक परियोजना पर समझौता हो गया।

 

पहली बार डीपीआर सार्वजनिक
संशोधित पार्वती-कालीसिंध- चम्बल परियोजना राजस्थान को सुजलाम सुफलाम बनाने की परियोजना है। भजनलाल सरकार के एक वर्ष पूरा होने के कार्यक्रम में पहली बार राजस्थान मध्य प्रदेश की परियोजना के समझौते को भी सार्वजनिक किया गया। साथ ही पीएम ने प्रदेश को एक साथ कई सौगात दी। मोदी ने राजस्थान में ऊर्जा, सड़क, रेलवे और जल से संबंधित 46,300 करोड रुपए से अधिक लागत की 24 परियोजनाओं का उद्‌घाटन और शिलान्यास किया।

मोदी ने कहा कि ये परियोजनाएं राजस्थान में पानी के क्षेत्र में आ रही बाधाओं का समाधान प्रदान करेगी और राजस्थान को भारत के सबसे बेहतर संपर्क वाले राज्यों में से एक बनाएगी। राजस्थान में बन रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर वर्तमान और भावी पीढी के लिए विकसित राजस्थान बनाने का संकल्प पूरा करेगा।

 

20 साल बाद समाधानः यादव
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि पीकेसी-ईआरसीपी के माध्यम से राजस्थान और मध्यप्रदेश के जिलों में तीन नदियों का पानी लाने में आधुनिक युग के भगीरथ प्रधानमंत्री मोदी की अहम भूमिका है। लंबे समय से इस योजना का विवाद न्यायालयों में चल रहा था, 20 वर्ष बीत जाने के बाद इसका समाधान हुआ है।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश एक तरह से नदियों का मायका है। पार्वती, काली सिंथ और चंबल का उद्रम भी मध्यप्रदेश से होता है। उन्होंने कहा कि 70 हजार करोड़ रुपए लागत की इस परियोजना में राज्य सरकारों पर मात्र 10 प्रतिशत ही वित्तीय भार आएगा और 90 प्रतिशत अंशदान केन्द्र सरकार देगी।

 

यह ऐतिहासिक दिनः पाटिल
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि राजस्थान सरकार के लिए यह ऐतिहासिक दिन है, जब राज्य में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री ने राज्य को ईआरसीपी के रूप में बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अनूठी संकल्पना 'कैच द रेन' से प्रेरित है। जन्मभूमि से कर्मभूमि अभियान में अब तक 3 लाख रेन वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाए गए हैं, जो वर्षा का पानी संग्रहित कर भूमिगत पानी के स्तर को बढ़ाएंगे। 10 लाख रैन वाटर रिचार्ज बोर के लक्ष्य के साथ चलाया जा रहा यह अभियान जन भागीदारी से जन आंदोलन में परिवर्तित हो गया है।

 

सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा आज का दिनः सीएम
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि आज का दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में डबल इंजन की सरकार आमजन की हर आकांक्षा को पूरा करने और राज्य को प्रगति पथ पर तेजी से आगे ले जाने के लिए पूरी लगन एवं गम्भीरता के साथ कार्य कर रही है।

सीएम ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना से राजस्थान के 21 जिलों में रहने वाले लगभग सवा तीन करोड़ लोगों को सुलभ पेयजल की उपलब्धता के साथ-साथ लगभग ढाई लाख हेक्टेयर नए क्षेत्र में सिंचाई तथा लगभग डेढ़ लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हेतु अतिरिक्त पानी की व्यवस्था हो सकेगी। साथ ही इन जिलों में स्थापित होने वाले उद्योगों को भी आवश्यकता के अनुरूप पानी मिल सकेगा।

 

प्रदेश के 21 जिलों को फायदा
प्रधानमंत्री ने कहा कि पार्वती, कालीसिंथ, चंबल परियोजना से राजस्थान के 21 जिलों को सिंचाई के लिए पानी के साथ- साथ पेयजल भी मिलेगा और इससे राजस्थान और मध्यप्रदेश दोनों राज्यों के विकास में तेजी आएगी। मोदी ने कहा कि बीते एक वर्ष में राजस्थान के विकास को नई गति, नई दिशा देने में मुख्यमंत्री भजनलाल और उनकी पूरी टीम ने बहुत परिश्रम किया है। उन्होंने कहा कि आज भाजपा की 'डबल इंजन' की सरकारे सुशासन का प्रतीक बन रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा जो भी संकल्प लेती है उसे पूरा करने का ईमानदारी से प्रयास करती हैं। इससे पहले मोदी खुली छत वाले वाहन में सवार होकर सभा स्थल पर पहुंचे। उनके साथ वाहन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ भी मौजूद थे। तीनों नेताओं ने उपस्थित जनसमूह का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।

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