Tuesday, August, 12,2025

सुप्रीम कोर्ट की फटकार राहुल की राष्ट्र विरोधी मानसिकता का नतीजा

जयपुर: भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से बार-बार फटकार मिलना इस बात का प्रमाण है कि राहुल गांधी बिना तथ्यों के गैर-जिम्मेदाराना और राष्ट्रविरोधी बयानबाजी करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना जैसे संवेदनशील विषय पर इस तरह के बयान दुर्भाग्यपूर्ण हैं। राठौड़ ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और गलवान संघर्ष जैसे मौकों पर जब देश की सेना ने वीरता दिखाई, उस समय राहुल गांधी ने सेना की नीयत और कार्यशैली पर सवाल उठाकर जनता को भ्रमित किया। राठौड़ ने चीन से जुड़ी टिप्पणी को भी तथ्यहीन और भ्रामक बताया।

उन्होंने कहा कि भारत की जमीन चीन ने आज नहीं, 1962 में नेहरू के कार्यकाल में हड़पी थी। आज जब सेना पूरी ताकत से सीमा पर डटी है, तब राहुल गांधी कहते हैं कि 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने भी पूछा, क्या आपके पास कोई तथ्य हैं? राठौड़ ने वीर सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी को 'बलिदान का अपमान' करार दिया। सावरकर ने तीन बार कालापानी की सजा भुगती थी। उस समय की औपचारिक भाषा को 'माफीनामा' बताना कांग्रेस की इतिहास और परिप्रेक्ष्य की अज्ञानता दर्शाता है। महात्मा गांधी भी 'योर्स ओबिडियेंट सर्वेट' जैसे शब्दों का प्रयोग करते थे, क्या वो माफी मांग रहे थे? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरनेम पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर राठौड़ ने कहा कि यह बयान जातिगत अपमान की श्रेणी में आता है। विपक्षी नेता ओबीसी समुदाय को जानबूझकर निशाना बना रहे हैं, इसी कारण उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी और न्यायिक कार्यवाही का सामना करना पड़ा।

गृहमंत्री अमित शाह का कार्यकाल भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरक

मदन राठौड़ ने गृहमंत्री अमित शाह के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें 'अनुकरणीय नेतृत्व' बताया। अनुच्छेद 370 और 35A को हटाकर कश्मीर को मुख्यधारा से जोड़ा गया, नागरिकता संशोधन कानून से पीड़ितों को राहत दी गई और अब यूनिफॉर्म सिविल कोड के जरिए समानता की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अमित शाह का कार्यकाल देश के लिए ऐतिहासिक और भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरक रहेगा।

'यमुना जल समझौते' पर ठोस प्रगति

राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि राजस्थान की बहुप्रतीक्षित 'यमुना जल पाइपलाइन परियोजना' को पुनर्जीवित करने की दिशा में ठोस प्रगति शुरू कर दी गई है। जल शक्ति मंत्रालय ने बताया कि राजस्थान और हरियाणा सरकारों के बीच इस परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। परियोजना के तहत हथिनीकुंड बैराज से भूमिगत पाइपलाइन के माध्यम से यमुना का जल राजस्थान के चूरू, सीकर, झुंझुनूं समेत अन्य जल-संकटग्रस्त जिलों तक पहुंचाया जाएगा। प्रस्ताव के अनुसार, जुलाई से अक्टूबर के बीच 577 मिलियन क्यूबिक मीटर (MCM) जल इन क्षेत्रों को उपलब्ध कराया जाएगा। जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने बताया कि परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने हेतु राजस्थान में एक परामर्शदाता की नियुक्ति कर दी गई है।

साथ ही दोनों राज्यों ने संयुक्त कार्यबल का भी गठन कर लिया है, ताकि समयबद्ध और गुणवत्ता युक्त क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। इस संबंध में राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने कहा कि यह परियोजना राजस्थान को जल संकट से राहत देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार और प्रदेश की डबल इंजन सरकार की दृढ़ राजनीतिक इच्छा शक्ति का यह प्रत्यक्ष उदाहरण है। यह सिर्फ पाइपलाइन नहीं, बल्कि प्रदेश को जल आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर है।

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