Wednesday, November, 26,2025

1 जनवरी से 4 जिलों में पेट्रोल-डीजल वाहनों पर लगेगी रोक

जयपुर: राजस्थान परिवहन विभाग ने प्रदेश के एनसीआर से जुड़े जिलों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब 1 जनवरी, 2026 से अलवर, खैरथल-तिजारा, डीग और भरतपुर जिलों में केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को ही ऑनलाइन परिवहन और डिलीवरी सेवाओं में शामिल किया जा सकेगा। इससे न केवल हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि राज्य में स्वच्छ और टिकाऊ परिवहन व्यवस्था को भी गति मिलेगी। कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने ये निर्देश जारी किए हैं। इसका उद्देश्य एनसीआर क्षेत्र की वायु गुणवत्ता में सुधार करना और परिवहन क्षेत्र से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करना है।

अनुमति प्राप्त वाहन

  • सीएनजी और इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर ऑटो रिक्शा।
  • सीएनजी/इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन (बाइक, स्कूटी)।
  • इलेक्ट्रिक लाइट कमर्शियल व्हीकल (एलसीवी)।

प्रतिबंधित वाहन

  • पेट्रोल या डीजल चालित ऑटो रिक्शा, मिनी ट्रक, एलसीवी और डिलीवरी वैन।
  • पारंपरिक ईंधन (आईसीई इंजन) वाले सभी नए वाहन जो 1 जनवरी, 2026 के बाद जोड़े जाने थे।

किन जिलों में लागू होगा आदेश

राजस्थान में यह आदेश अलवर, खैरथल-तिजारा, डीग और भरतपुर जिलों में लागू होगा, जो दिल्ली-एनसीआर के दायरे में आते हैं। इन जिलों में चलने वाली एग्रीगेटर सेवाओं और डिलीवरी कंपनियों को अब अपने प्लेटफॉर्म पर केवल सीएनजी या इलेक्ट्रिक वाहनों को ही शामिल करना होगा।

पुराने वाहनों को फिलहाल राहत

सीएक्यूएम ने स्पष्ट किया है कि जो वाहन पहले से एग्रीगेटर सेवाओं या डिलीवरी कंपनियों में पंजीकृत हैं, वे फिलहाल सेवाएं जारी रख सकते हैं। हालांकि नए पेट्रोल या डीजल वाहनों को किसी भी परिस्थिति में 1 जनवरी, 2026 के बाद शामिल करने की अनुमति नहीं होगी।

क्यों लागू किया गया नियम ?

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र हर वर्ष सर्दी के मौसम में गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में रहता है। वाहनों से निकलने वाला धुआं और औद्योगिक उत्सर्जन इस प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से है। सीएक्यूएम ने पाया कि ट्रांसपोर्ट सेक्टर से एनसीआर की वायु गुणवत्ता पर 30-40 प्रतिशत तक सीधा प्रभाव पड़ता है। इसी को देखते हुए आयोग ने राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को यह निर्देश दिया कि वे अपने-अपने एनसीआर क्षेत्रों में 'स्वच्छ ईंधन आधारित मोबिलिटी नीति' लागू करें। राजस्थान सरकार ने इसी के तहत यह फैसला लिया है कि 1 जनवरी, 2026 से पेट्रोल और डीजल चालित दोपहिया, तिपहिया और हल्के वाणिज्यिक वाहन (LCV, LGV) किसी भी ऑनलाइन एग्रीगेटर या डिलीवरी सर्विस प्लेटफॉर्म जैसे ओला, उबर, जोमैटो, स्विगी, अमेजन और फ्लिपकार्ट से नहीं जोड़े जाएंगे।

स्वच्छ हवा व ग्रीन एनर्जी उद्देश्य

इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर और उससे सटे राजस्थान के जिलों में वाहन उत्सर्जन से होने वाले प्रदूषण को कम करना है। राजस्थान परिवहन विभाग का यह कदम राज्य के 'ग्रीन मोबिलिटी मिशन 2030' को भी मजबूत करेगा, जिसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग से चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार होगा, जिससे हरित ऊर्जा और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

राजस्थान समेत दो राज्यों को सीएक्यूएम के निर्देश

सीएक्यूएम ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को दिल्ली की तरह अपने-अपने एनसीआर क्षेत्रों में एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवाओं की निगरानी के लिए वेब पोर्टल विकसित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, संबंधित विभागों को इन निर्देशों का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि सभी एग्रीगेटर कंपनियां समय पर आवश्यक तैयारियां पूरी कर सकें।

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