Saturday, October, 11,2025

प्रदोष काल में अमावस्या होने से 20 को मनेगी दीपावली

जयपुर: दीपावली पर्व को लेकर तिथि में असमंजस की स्थिति बन गई थी, लेकिन अब विद्वानों और पंचांगों की गणना के आधार पर यह स्पष्ट हो गया है कि इस वर्ष दीपावली 20 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी। इस दिन अमावस्या तिथि दोपहर 3:45 से आरंभ होकर अगली शाम यानी 21 अक्टूबर को 5:55 बजे तक रहेगी। ऐसे में 20 अक्टूबर की रात प्रदोष काल और निशीथ काल दोनों में अमावस्या तिथि रहेगी, जो कि शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी पूजन के लिए अनुकूल समय माना गया है। कुछ पंचांगों में दीपावली 21 अक्टूबर को बताई गई थी जिससे भ्रम उत्पन्न हुआ, लेकिन धर्मशास्त्रों के अनुसार यदि अमावस्या
तिथि प्रदोष काल में पड़ती है तो दीपावली उसी दिन मनाई जाती है। काशी विद्वत परिषद की धर्मशास्त्र एवं ज्योतिष प्रकोष्ठ की ऑनलाइन बैठक में इस विषय पर गहन चर्चा के बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि दीपावली पूरे देश में 20 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी।

परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि सभी प्रमुख पंचांगकार इस निर्णय से सहमत हैं। जयपुर के धर्मप्रचारक विजय शंकर पांडे ने भी कहा कि दीपावली अमावस्या की रात को ही मनाई जाती है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भी इसी प्रकार की भ्रम की स्थिति बनी थी, लेकिन तब भी अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर की पूरी रात रही थी अतः दीपावली अमावस्या की रात में ही मनाई गई थी। इस वर्ष भी 20 अक्टूबर को रातभर अमावस्या तिथि रहेगी, इसीलिए उसी दिन लक्ष्मी पूजन उचित रहेगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि शास्त्रों में स्पष्ट उल्लेख है कि जब प्रदोष काल में अमावस्या तिथि हो तो दीपावली उसी दिन मनाई जाती है। इस वर्ष 20 अक्टूबर को प्रदोष काल शाम 6:12 से रात 8:40 बजे तक रहेगा और इसी दौरान वृषभलग्न शाम 7:41 से रात 9:41 बजे तक रहेगा, जो लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वोत्तम समय है। इस समय के बीच लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त एक घंटा यानी 7:41 से 8:40 तक रहेगा। ट्रिक पंचांग के अनुसार भी अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 3:44 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर को शाम 5:54 बजे तक रहेगी, इसलिए दीपावली 20 अक्टूबर को ही मनेगी, लेकिन 21 अक्टूबर को अमावस्या तिथि सूर्योदय के समय रहेगी इसलिए वह उदयव्यापिनी मानी जाएगी और उस दिन पितृ कार्य जैसे स्नान, दान, तर्पण आदि होंगे। त्योहार नहीं मनाया जाएगा।

दीपोत्सव छह दिन इस प्रकार रहेगा

  • 18 अक्टूबरः धनतेरस
  • 19 अक्टूबरः रूप चतुर्दशी
  • 20 अक्टूबरः दीपावली
  • 21 अक्टूबरः स्नान, पूजा और अमावस्या दान
  • 22 अक्टूबरः गोवर्धन पूजा व अन्नकूट
  • 23 अक्टूबरः भाई दूज, यम द्वितीया
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