Friday, September, 26,2025

अतिवृष्टि से पीड़ित जनता को दी 'गोवर्धन पर्वत' सी छत्रछाया... तो सदन में विपक्ष पर मेघ बनकर बरसे

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस बार मानसून के मौसम में अतिवृष्टि की चुनौती से लेकर विधानसभा के मानसून सत्र के फ्लोर मैनेजमेंट तक अपनी कुशल प्रशासनिक क्षमता और राजनीतिक चातुर्य का लोहा मनवाया। इस साल मानसून ने 108 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 703 मिमी बारिश के साथ इतिहास रच दिया, जो 1917 के 844.2 मिमी के बाद दूसरी सबसे अधिक बारिश है। इस प्राकृतिक आपदा के बीच सीएम भजनलाल ने सेनापति की तरह कमान संभाली और हर मोर्चे पर अग्रणी भूमिका निभाई। राज्य में भारी बारिश और जलभराव की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल ने तूफानी तेवर दिखाए और खुद मैदान में उतरे। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का न केवल हवाई निरीक्षण किया, बल्कि जलभराव वाले क्षेत्रों में जाकर जमीनी हकीकत जानी। सीएम ने जिला कलेक्टर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व सेना के साथ लगातार समन्वय स्थापित कर पीड़ितों को राहत पहुंचाई। बाढ़ में फंसे लोगों को वायुसेना के हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट करवाया गया। कुल मिलाकर 1159 लोगों को सुरक्षित बचाया गया।

रणनीतिक बैठकें कर सदन में विपक्ष के चक्रव्यूह को भेदा

विधानसभा के मानसून सत्र में भी सीएम भजनलाल शर्मा ने अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया। कांग्रेस ने नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन के जरिए सदन में व्यवधान डालने की कोशिश की, लेकिन मुख्यमंत्री ने हर दिन विधायक दल के साथ रणनीतिक बैठकें कर विपक्ष के चक्रव्यूह को भेदा। उनके कुशल फ्लोर मैनेजमेंट के चलते धर्मांतरण बिल सहित कुल 10 विधेयक पास करवाए गए। सदन में हर दिन उपस्थित रहकर उन्होंने सदन के नेता की भूमिका बखूबी निभाई। उन्होंने प्रतिदिन विधायक दल के साथ बैठकें कर विपक्ष के हंगामे का जवाब दिया और साफ कहा कि विपक्ष मेरी आवाज को दबा नहीं सकता। सदन की कार्यवाही को सुचारू रखा और आमजन के हितों से जुड़े निर्णय लिए।

टीम वर्क और जनसेवा का जज्बा, खुद मैदान में उतरे सीएम

अतिवृष्टि के दौरान सीएम ने प्रभारी मंत्रियों, विधायकों और सचिवों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। टीम के दौरे से मिली जानकारी के आधार पर उन्होंने अधिकारियों को जान-माल के नुकसान पर तुरंत सहायता, चिकित्सा, खाद्य सामग्री और पुनर्वास के ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। बांधों की नियमित निगरानी और समय पर पानी की निकासी सुनिश्चित करने को कहा। सड़कों, नहरों, एनिकट और भवनों के मरम्मत प्रस्ताव तीन दिन में स्वीकृत कर 23 सितंबर तक कार्य शुरू करने तथा क्षतिग्रस्त मकानों की रिपोर्ट दो दिन में प्राप्त कर तत्काल स्वीकृति देने के निर्देश भी दिए। सीएम के नेतृत्व में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने प्रदेश की जनता को राहत पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

अपने विधायकों को मर्यादा की दी सीख

विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार रहा। कांग्रेस विधायकों के विरोध के बावजूद, सत्ताधारी भाजपा ने ध्वनिमत से 10 विधेयकों को मंजूरी दिलाई। इनमें कोचिंग संस्थानों पर लगाम लगाने, अवैध धर्मांतरण पर रोकथाम, अवैध भू-जल दोहन पर शिकंजा कसने और एम्स की तर्ज पर रिम्स जैसा संस्थान बनाकर मेडिकल सेवाओं को मजबूती देने वाले विधेयक शामिल हैं। सत्र की शुरुआत में फसल नुकसान के मुद्दे पर सदन दो बार स्थगित हुआ, फिर भी सीएम भजनलाल ने भाजपा विधायक दल के साथ बैठक की। अपने विधायकों को मर्यादा का पाठ पढ़ाते हुए विधेयकों पर चर्चा करवाई।

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