Tuesday, November, 25,2025

गिरफ्तारी के आधार की लिखित सूचना देना अब अनिवार्य: SC

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में गुरुवार को कहा कि प्रत्येक गिरफ्तार व्यक्ति को लिखित रूप में गिरफ्तारी के आधार की उसकी समझ में आने वाली भाषा में जानकारी दी जानी चाहिए, चाहे अपराध की प्रकृति कुछ भी हो।

शीर्ष अदालत ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता के संवैधानिक संरक्षण को मजबूत करने वाले इस फैसले में हालांकि यह स्पष्ट किया कि गिरफ्तारी से पहले या तुरंत बाद गिरफ्तार व्यक्ति को गिरफ्तारी का आधार लिखित रूप में न देने से ऐसी गिरफ्तारी अप्रभावी नहीं होगी, बशर्ते यह उचित समय के भीतर और किसी भी स्थिति में गिरफ्तार व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने से दो घंटे पहले लिखित रूप में दी जाए। प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायाधीश ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने जुलाई 2024 में हुए बहुचर्चित मुंबई बीएमडब्ल्यू हिट-एंड-रन मामले से उत्पन्न मिहिर राजेश शाह बनाम महाराष्ट्र सरकार के मामले में यह फैसला सुनाया। न्यायाधीश मसीह ने पीठ के लिए 52 पृष्ठों का फैसला लिखते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 22 (1) के तहत वह संवैधानिक आदेश एक प्रक्रियात्मक औपचारिकता नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता की एक
मौलिक सुरक्षा है, जो यह गारंटी देता है कि गिरफ्तार व्यक्ति को गिरफ्तारी के कारणों के बारे में यथाशीघ्र सूचित किया जाना चाहिए।

... तो गिरफ्तारी मानी जाएगी अवैध

पीठ ने कहा कि अनुपालन न करने की स्थिति में, गिरफ्तारी और उसके बाद की रिमांड को अवैध माना जाएगा और व्यक्ति को रिहा करने की स्वतंत्रता होगी। शीर्ष अदालत ने अपनी रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह फैसले की एक प्रति सभी उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल और सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेजे।

2002 की सूची के आधार पर SIR का कारण बताएं: कलकत्ता हाई कोर्ट

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) से कहा कि वह एक हलफनामा दाखिल कर यह स्पष्ट करे कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया 2002 की मतदाता सूची के आधार पर क्यों की जा रही है। अदालत ने उस जनहित याचिका पर आयोग से जवाब तलब किया है जिसमें याचिकाकर्ता ने एसआईआर की प्रक्रिया 2002 की मतदाता सूची के आधार पर किए जाने को चुनौती दी है। निर्वाचन आयोग पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों में एसआईआर कर रहा है। पश्चिम बंगाल में 2026 (मार्च-अप्रैल) में विधानसभा चुनाव होने हैं। निर्वाचन आयोग ने अदालत के समक्ष यह दलील दी कि यह याचिका विचार करने योग्य ही नहीं है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने निर्वाचन आयोग को जनहित याचिका पर अपना पक्ष रखते हुए 19 नवंबर तक एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

  Share on

Related News

Connect With Us

visit e-papers
Epaper

आज का राशिफल

image

मेष

रुके काम बनेंगे, नौकरीपेशा और व्यापारियों के लिए शुभ।

image

वृष

आर्थिक स्थितियां बेहतर होने के साथ धनलाभ होगा।

image

मिथुन

गुरु शुभ फल देंगे, शत्रु पराजित होंगे

image

कर्क

मिलाजुला असर रहेगा, अतिरिक्त परिश्रम के साथ नौकरी पेशा को दिक्कतें आ सकती है।

image

सिंह

कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान के साथ मकान,वाहन सुख मिलेगा।

image

कन्या

कामकाज के अवसरों में वृद्धि, भाग्य का साथ मिलेगा।

image

तुला

धन की रुकावटें दूर होंगी, लाभ के अवसर बढ़ेंगे, धर्म में रुचि बढ़ेगी।

image

वृश्चिक

आर्थिक स्थिति सुधरेगी, व्यापार में निवेश संबंधी फैसले की आजादी मिलेगी।

image

धनु

लाभ में वृद्धि होगी, कोई बड़ी डील हाथ लग सकती है।

image

मकर

सुखद पलों की प्राप्ति होगी। फिजूल के खर्चे बढ़ेंगे, सुख सुविधाओं में इजाफा होगा।

image

कुंभ

धनलाभ के अवसरों में वृद्धि के साथ अपनी योजनाओं पर काम करते रहे।

image

मीन

संभलकर रहे, जल्दबाजी नहीं दिखाए। कानूनी वाद-विवादों से बचे।

Gallery