Monday, April, 07,2025

'एक देश-एक चुनाव' पर मोदी कैबिनेट की मुहर

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की अहम बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में दो विधेयकों को मंजूरी दी गई, जिनमें से एक विधेयक 'एक देश, एक चुनाव' को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन से संबंधित है। इन विधेयकों से जुड़ा मसौदा कानून मौजूदा शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किए जाने की संभावना है।

सूत्रों ने कहा कि फिलहाल मंत्रिमंडल ने केवल लोकसभा और विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए मसौदा कानून को मंजूरी दी है। हालांकि, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के नेतृत्व वाली एक उच्चस्तरीय समिति ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों के साथ-साथ चरणबद्ध तरीके से नगर निकाय और पंचायत चुनाव कराने का भी प्रस्ताव दिया था. लेकिन मंत्रिमंडल ने 'फिलहाल' स्थानीय निकाय चुनावों के मुद्दे से दूरी रखने का निर्णय किया है।

सूत्रों ने बताया कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान संशोधन विधेयक को कम से कम 50 प्रतिशत राज्यों के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। बहरहाल, सरकार कैबिनेट द्वारा मंजूर विधेयकों पर व्यापक विचार-विमर्श करने की इच्छुक है जिन्हें संसदीय समिति को भेजे जाने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि सरकार समिति के माध्यम से विभिन्न राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों से भी परामर्श करने की इच्छुक है।

कैबिनेट की मुहर लगने के बाद अब केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में इसे सदन में पेश कर सकती है। इससे पहले 'एक देश, एक चुनाव' पर बनी कोविंद समिति की रिपोर्ट को 18 सितंबर को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई थी। बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के स्वतंत्रता दिवस पर एक देश एक चुनाव का जिक्र किया था। तब से अब तक कई मौकों पर भाजपा की ओर से 'एक देश-एक चुनाव' की बात की जाती रही है। ये विचार इस पर आधारित है कि देश में लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हों। वैसे, कुछ राज्य ऐसे हैं भी, जहां विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होते हैं। इनमें अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम जैसे राज्य शामिल हैं।

 

'एक देश-एक चुनाव' पर चर्चा 2018 से
दरअसल, 'एक देश-एक चुनाव' की बहस 2018 में विधि आयोग की एक मसौदा रिपोर्ट के बाद शुरू हुई थी। आयोग का कहना था कि 2014 में लोकसभा चुनावों का खर्च और उसके बाद हुए विधानसभा चुनावों का खर्च लगभग समान रहा है। वहीं, साथ-साथ चुनाव होने पर यह खर्च 50:50 के अनुपात में बंट जाएगा। सरकार को सौंपी अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट में विधि आयोग का कहना था कि साल 1967 के बाद एक साथ चुनाव कराने की प्रक्रिया बाधित हो गई।

 

कोविंद समिति की सिफारिशें क्या हैं
कोविंद समिति ने रिपोर्ट में कहा कि एक साथ चुनाव की सिफारिशें को दो चरणों में कार्यान्वित किया जाएगा। पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ आयोजित किए जाएंगे। दूसरे चरण में आम चुनावों के 100 दिनों में स्थानीय निकाय चुनाव किए जाएंगे। सभी चुनावों के लिए समान मतदाता सूची बनेंगी। बता दें, समिति ने एक साथ चुनाव कराने वाले 7 देशों का दौरा कर वहां चुनाव प्रक्रिया का अध्ययन किया।

 

कोविंद समिति ने यह भी कहा
1951 से 1967 के बीच एक साथ चुनाव हुए हैं 
1999 में विधि आयोग की 170 वीं रिपोर्ट में पांच वर्षों में एक लोकसभा और सभी विधानसभाओं के लिए चुनाव का सुझाव। 
2015 में संसदीय समिति की 79वीं रिपोर्ट में दो चरणों में एक साथ चुनाव कराने के तरीके सुझाए गए।  
व्यापक फीडबैक से पता चला है कि देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए व्यापक समर्थन है।

  Share on

Related News

Connect With Us

visit e-papers
Epaper

आज का राशिफल

image

मेष

रुके काम बनेंगे, नौकरीपेशा और व्यापारियों के लिए शुभ।

image

वृष

आर्थिक स्थितियां बेहतर होने के साथ धनलाभ होगा।

image

मिथुन

गुरु शुभ फल देंगे, शत्रु पराजित होंगे

image

कर्क

मिलाजुला असर रहेगा, अतिरिक्त परिश्रम के साथ नौकरी पेशा को दिक्कतें आ सकती है।

image

सिंह

कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान के साथ मकान,वाहन सुख मिलेगा।

image

कन्या

कामकाज के अवसरों में वृद्धि, भाग्य का साथ मिलेगा।

image

तुला

धन की रुकावटें दूर होंगी, लाभ के अवसर बढ़ेंगे, धर्म में रुचि बढ़ेगी।

image

वृश्चिक

आर्थिक स्थिति सुधरेगी, व्यापार में निवेश संबंधी फैसले की आजादी मिलेगी।

image

धनु

लाभ में वृद्धि होगी, कोई बड़ी डील हाथ लग सकती है।

image

मकर

सुखद पलों की प्राप्ति होगी। फिजूल के खर्चे बढ़ेंगे, सुख सुविधाओं में इजाफा होगा।

image

कुंभ

धनलाभ के अवसरों में वृद्धि के साथ अपनी योजनाओं पर काम करते रहे।

image

मीन

संभलकर रहे, जल्दबाजी नहीं दिखाए। कानूनी वाद-विवादों से बचे।

Gallery