Tuesday, August, 12,2025

साल का दूसरा पूर्ण चंद्रग्रहण 7 सितंबर को... भारत में दिखेगा

जयपुर: इस साल का दूसरा पूर्ण चंद्रग्रहण 7 सितंबर को लगेगा। यह चंद्रग्रहण भारत में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा।

इस दिन भाद्रपद मास की शुक्ल पूर्णिमा होगी और इसी दिन से पितृ पक्ष की शुरुआत भी होगी। चंद्रग्रहण रात 9:57 बजे शुरू होकर रात 1:27 बजे समाप्त होगा। ग्रहण का मध्य समय रात 11:41 बजे रहेगा। चंद्रग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 30 मिनट की होगी। यह ग्रहण भारत सहित एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अमेरिका और अन्य क्षेत्रों में भी देखा जा सकेगा। इस साल का पहला चंद्रग्रहण 14 मार्च को होली पर और पहला सूर्यग्रहण 29 मार्च को हुआ था, जो भारत में नहीं दिखाई दिए थे।

मंदिरों में ग्रहण से पूर्व हो जाएगा शयन

ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि भारत में चंद्रग्रहण दिखाई देने के कारण इसका धार्मिक प्रभाव रहेगा और सूतक काल मान्य होगा। सूतक ग्रहण से ठीक 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है, इस हिसाब से यह दोपहर 12:57 बजे शुरू होगा और रात 1:27 बजे ग्रहण समाप्ति के साथ समाप्त होगा। सूतक काल में मंदिरों के पट बंद हो जाते हैं और पूजा-पाठ, हवन, भोजन आदि वर्जित रहते हैं। हालांकि ग्रहण शुरू होने पर मंदिरों में शयन हो जाएगा, इसलिए श्रद्धालु घर पर ही हरिनाम जप करेंगे। इस दौरान धार्मिक ग्रंथों का पाठ, महामृत्युंजय मंत्र, दुर्गा सप्तशती और हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है। इस समय भोजन करना, बाल कटवाना, यात्रा करना, मूर्तियों को स्पर्श करना और नींद लेना वर्जित होता है। ज्योतिष के अनुसार, एक ही महीने में सूर्य और चंद्र दोनों ग्रहण होना विशेष योग माना जाता है, जिसका असर प्रकृति, राजनीति और जनजीवन पर व्यापक रूप से पड़ सकता है।

आपदाएं, सीमाओं पर तनाव, अग्निकांड की आशंका

इस बार का चंद्रग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा। चंद्रमा के साथ राहु और सप्तम भाव में सूर्य, केतु और बुध विराजमान होंगे। इस संयोजन का असर विशेष रूप से कुंभराशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों पर पड़ेगा। उनके लिए यह समय सावधानीपूर्वक बिताने योग्य होगा। इसके अलावा मेष, कर्क, तुला और मकर राशि के लोगों पर भी ग्रहण का प्रभाव संभव है। ग्रहण के प्रभाव से प्राकृतिक आपदाएं, राजनीतिक अस्थिरता, सीमाओं पर तनाव, अग्निकांड, दुर्घटनाएं और शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। वहीं, रोजगार में वृद्धि, आय में बढ़ोतरी और देश की अर्थव्यवस्था के लिए यह समय शुभ रहेगा।

ग्रहण के दिन होगा पूर्णिमा का श्राद्ध

चंद्रग्रहण के साथ-साथ 7 सितंबर से पितृ पक्ष की शुरुआत भी होगी, जो 21 सितंबर तक चलेगा। पूर्णिमा का श्राद्ध भी 7 सितंबर को ही किया जाएगा। पितृ पक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध और दान-पुण्य किया जाता है। ग्रहण के कारण इस दिन का धार्मिक महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस महीने का दूसरा ग्रहण 21 सितंबर को सूर्यग्रहण के रूप में लगेगा और यह भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए सूतक काल भी मान्य नहीं है। यह सूर्यग्रहण न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी हिस्सों में देखा जा सकेगा।

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