Thursday, June, 26,2025

इमरजेंसी के दौरान हुए अन्याय को भुलाया नहीं जा सकताः शाह

नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि आपातकाल की यादों को जीवित रखा जाना चाहिए ताकि कोई भी देश पर तानाशाही विचार न थोप सके।

गृह मंत्री अमित शाह ने आपातकाल की घोषणा की 50वीं बरसी पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब बात सामाजिक और राष्ट्रीय जीवन की होती है, तो ऐसे घटनाक्रमों को हमेशा याद रखा जाना चाहिए, ताकि देश के युवा और किशोर अन्याय के खिलाफ जागरूक और तैयार रह सकें। शाह ने कहा कि देश 50 साल पहले आज ही के दिन घोषित आपातकाल के दौरान कांग्रेस द्वारा किए गए अन्याय और अत्याचारों को कभी नहीं भूलेगा और इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दिन को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का सही निर्णय लिया है। ज्ञात रहे कि इंदिरा गांधी सरकार ने 25 जून 1975 को आपातकाल लगाया था। मोदी सरकार इस दिन को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाती है।

शाह ने एक पुस्तक 'द इमरजेंसी डायरीजः इयर्स दैट फोर्ज्ड ए लीडर' का विमोचन भी किया, जो आपातकाल के दौरान युवा नरेन्द्र मोदी के साथ काम कर चुके सहयोगियों के व्यक्तिगत अनुभवों और अन्य संग्रहित दस्तावेजों पर आधारित है। यह अपनी तरह की पहली पुस्तक है, जो प्रधानमंत्री के प्रारंभिक वर्षों पर नई शोध आधारित जानकारी प्रस्तुत करती है।

यह पुस्तक इसकी एक जीवंत तस्वीर प्रस्तुत करती है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकतंत्र के आदर्शों के लिए कैसे संघर्ष किया और उसे बनाए रखने और बढ़ावा देने के लिए अपने पूरे जीवन में किस तरह से कार्य किया। इस कार्यक्रम को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अश्विनी वैष्णव, दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी संबोधित किया।

पुस्तक में है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुभवों का विवरण

अमित शाह ने कहा, यह पुस्तक आपातकाल के दौरान एक युवा कार्यकर्ता के रूप में नरेन्द्र मोदी के अनुभवों का विवरण प्रस्तुत करती है। वह उस समय 19 महीनों तक सक्रिय रूप से आआंदोलन से जुड़े रहे। उस दौर में गुपचुप तरीके से अखबार छपते थे और प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें बाजारों, छात्रों और महिलाओं के बीच पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अमित शाह ने कहा कि 24-25 वर्ष के नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में प्रतिरोध आंदोलन का किस तरह से नेतृत्व किया उसकी कहानी इस पुस्तक में दर्ज है।

परिवारवादी शासन को बनाए रखने के लिए लागू किया आपातकाल

गृह मंत्री शाह ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 50 साल पहले एक निरंकुश शासक द्वारा थोपा गया आपातकाल, जिसका एकमात्र उद्देश्य अपने परिवारवादी शासन को बनाए रखना था, भारत के इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक था।

आज अघोषित आपातकालः खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए 'संविधान हत्या दिवस' मनाने का नाटक कर रही है। उन्होंने दावा किया कि वह आपातकाल तो खत्म हो गया, लेकिन मोदी सरकार में अघोषित आपातकाल है। खरगे ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कारण ही आज संविधान संकट में है। खरगे ने संवादाताओं से कहा कि अब ये सविधान बचाओ की बात कर रहे हैं। आपातकाल के 50 साल पूरा होने के बाद उसे दोहरा रहे हैं। खरगे ने दावा किया कि हम एक साल से संविधान बचाओ यात्रा निकाल रहे हैं, उससे भाजपा घबरा गई है।

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